Friday 29 January 2016

गण बदलेगा तन्त्र बदलेगा

जन नहीं बदलेगा तो तंत्र कैसे बदलेगा

इक़बाल हिंदुस्तानी

संविधान समाज को रास्ता ही दिखा सकता है चला नहीं सकता !

गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस अब देश में रस्म अदायगी जैसे बनकर रह गये हैं। सरकारी कार्यालयों और स्कूलों में अगर इस अवसर पर भाषण व सांस्कृतिक कार्यक्रम न हों तो आम जनता को पता भी न चले कि कब राष्ट्रीय पर्व आये और चले गये। हमने भले ही काफी भौतिक और आर्थिक तरक्की की हो लेकिन कड़वा सच तो यह है कि देश में संविधान लागू होने के 65 साल बाद भी जनतंत्र को ‘धनतंत्र’ में बदलने से नहीं रोका जा सका है। यह ठीक है कि समाजवादी व्यवस्था हमारे देश ही नहीं पूरी दुनिया में पूंजीवाद के सामने मात खा रही है लेकिन हमने जो मिश्रित अर्थव्यवस्था का मॉडल अपनाया था वह उस पूंजीवाद से बेहतर था जिसमें ट्रिकल डाउन यानी पूंजी का उूपर से रिसाव होकर वह तीसरे सबसे गरीब व कमजोर वर्ग तक चंद बूंदों की शक्ल में बहुत धीमी गति से नीचे पहुंचती है।

वैश्विक सर्वे बता रहे हैं कि हमारा देश बहुत जल्द विकास दर के मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा लेकिन देखना यह है कि दुनिया की सबसे बड़ी आबादी होने के बावजूद जिस तरह से चीन ने अपनी आधे से अधिक आबादी का जीवन स्तर मीडियम क्लास और शेष का बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने लायक बना दिया है क्या हम उस हिसाब से अपनी 77 प्रतिशत जनता की आय 20 रू0 प्रतिदिन से उूपर उठाने के लिये किसी ठोस प्रोग्राम पर चल रहे हैं? हमारा गणतंत्र आज धनतंत्र में तब्दील होने से हमारा लोकतंत्र और संविधान सुरक्षित रह सकेगा?

संविधान निर्माता डा0 अंबेडकर ने इस ख़तरे की तरफ उसी समय यह कहकर उंगली उठाई थी हम एक ऐसी अंतर्विरोध वाली व्यवस्था को अपनाने जा रहे हैं जिसमें हम लोग राजनीतिक व लोकतांत्रिक स्तर पर तो एक आदमी एक वोट के आधार पर समान हो जायेंगे लेकिन आर्थिक और समाजिक तौर पर गैर बराबरी न केवल बनी रहेगी बल्कि अगर यह और बढ़ी तो अन्याय और  शोषण का शिकार बड़ा वर्ग इस सिस्टम के खिलाफ विद्रोह कर सकता है। इसकी वजह यह है कि नेताओं का विश्वास जनता में बिल्कुल ख़त्म होता जा रहा है। हमें शिकायत है कि उनमें से अधिकांश बेईमान और मक्कार माने जाते हैं। वे धर्म साम्प्रदायिकता जाति क्षेत्र भावनाओं वोटबैंक और भड़काने वाले नारों की गंदी सियासत करते हैं लेकिन उनको चुनता कौन है? अगर जनता में ये बुराइयां न हो तो नेता कैसे ऐसी घटिया राजनीति करके बार बार सत्ता में आ सकते हैं?

आम आदमी रोज़गार से लेकर रोटी, पढ़ाई और दवाई के लिये तरस जाता है। सरकारी योजनायें कागजों में चलती रहती हैं। जनता के नाम पर पैसा खाया जाता रहता है। हर काम के सरकारी कार्यालयों में रेट तय हैं। अगर कोई बड़े अधिकारी से शिकायत करता है तो वह चूंकि खुद निचले स्टाफ से बंधे बंधाये पैसे खा रहा होता है इसलिये या तो कोई कार्यवाही नहीं करता या फिर उल्टे भ्रष्टाचारी का ही पक्ष लेता नज़र आता है। जब ज़्यादा दबाव या सिफारिश भी आती है तो वह अकसर आरोपी अधीनस्थ अधिकारी या कर्मचारी को लीपापोती कर बचाता ही नज़र आता है। हमारे यहां खुद सरकारी आंकड़ों के अनुसार 77 प्रतिशत लोग 20 रुपये रोज़ से कम पर गुज़ारा कर रहे हैं। बढ़ती महंगाई, भ्रष्टाचार और बड़ी बीमारियो से हर साल 3.5 करोड़ नये लोग गरीबी रेखा के नीचे जाने को मजबूर हैं।

आज हम नैतिक और मानवीय रूप से खोखले होते चले जा रहे हैं। हम अपनी असफलताओं और अवमूल्यन का सारा दोष दूसरों को देकर अपनी ज़िम्मेदारी से भाग रहे हैं। सबसे बड़ी आशा और अपेक्षा हम सब सरकार से लगाये बैठे हैं लेकिन समाज और व्यक्तिगत जीवन में ईमानदारी और सच्चाई का रास्ता खुद अपनाने को तैयार नहीं हैं जिसका नतीजा यह है कि कई बार सरकार के मुखिया जैसे मोदी नीतीश केजरीवाल ममता नवीन पटनायक आदि के कुछ अच्छा चाहने से भी वह हासिल नहीं हो पा रहा है जो हम चाहते हैं। मिसाल के तौर पर अन्ना हज़ारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लंबा और ऐतिहासिक आंदोलन चलाया लेकिन आज तक लोकपाल नहीं बन पाया।

देश में सतर्कता आयुक्त है, मानव अधिकार आयोग है, अल्पसंख्यक आयोग है अनुसूचित जाति आयोग है पिछड़ा वर्ग आयोग है, महिला आयोग है लेकिन तमाम नियम कानून इनके पक्ष में बनाने के बाद भी अमल न होने से इनकी हालत में कितना सुधार आया? निर्भया गैंगरेप के बाद बलात्कार के लिये सख़्त कानून बना लेकिन सरकारी आंकड़े गवाह हैं कि बलात्कार तो और बढ़ गये? अब 18 की बजाये 16 साल के किशोर को बालिग मानकर ऐसे गंभीर मामलों में और सख्त बालिगों वाली सज़ा का कानून बना दिया गया अनुभव बताते हैं कि इससे ऐसे मामले ख़त्म या कम नहीं होने वाले हैं। वजह कानून पर अमल करने वाले समाज और सरकारी लोग बेईमान भ्रष्ट और अनैतिक हैं। यह ऐसा ही है जैसे कोई दहेज़ देने को तो बुरा बताये लेकिन लेने में उसे संकोच न हो।

आतंकवाद अलगाववाद जातिवाद अतिक्रमण माओवाद बाल विवाह नशाखोरी वेश्यावृत्ति ट्यूशनखोरी टैक्सचोरी ब्लैकमेलिंग कालाधन मिलावट दंगे छेड़छाड़ संकीर्णता और व्यक्तिगत स्वार्थ केवल कानून व्यवस्था के भरोसे नहीं छोड़े जा सकते बल्कि इनके समूल नाश के लिय समाज में वैचारिक माहौल बनाना होगा चेतना और जागरूकता लानी होगी। यूपी के बरेली के कुछ गांवों में गांववालों ने सरकारी धन से बनाये गये शौचालय तोड़ डाले हैं या कुछ लोगों ने उनमें अनाज भर दिया है। 90 प्रतिशत लोगों के पास मोबाइल हैं लेकिन सरकारी सहायता से भी 65 फीसदी लोग शौचालय बनाने को तैयार नहीं हैं? वे आज भी खुले में शोच के लिये जा रहे हैं। इसमें सरकार का क्या दोष है? सरकार की बात कुछ देर को छोड़िये हम पूछते हैं कि कौन है जो समाज में व्यापारी उद्योगपति पत्रकार वकील शिक्षक डाक्टर और आम आदमी बनकर कानून की ध्ज्जियां उड़ा रहा है?

अपने पक्ष में नियम कानून तोड़ने मरोड़ने को रिश्वत दे रहा है? पंजाब हरियाणा व यूपी से चलेंगे तो कार की सीट बैल्ट और बाइक पर हैल्मिट नहीं लगायेंगे लेकिन दिल्ली में घुसते ही जुर्माने के डर से एलर्ट हो जायेंगे। यह कौन सी सोच है? खुद किरायेदार हैं तो कोर्ट में हर बार झूठ बोलकर बहाना करके फर्जी कागजात लगाकर मुकदमें को लंबा खींचते रहेंगे लेकिन जब खुद जमीन जायदाद के मालिक हैं तो चाहेंगे फैसला जल्दी से जल्दी हो कानून के अनुसार हो ईमानदारी और पारदर्शिता से हो। चुनाव लडेंगे तो कालाधन पानी की तरह बहायेंगे लेकिन दूसरा ऐसा करे तो कोसेंगे। जब खुद सरकारी विभाग में अधिकारी कर्मचारी विधायक सांसद मंत्री या राजनीति में होंगे तो खूब पैसा बनाने से नहीं चूकेंगे लेकिन जब दूसरा कोई ऐसा करे तो शिकायत करेंगे। यही तरीका सियासी दलों ने सत्ता में रहकर और विपक्ष में आकर दोगलेपन का अपना रखा है।

हमारे ये दोहरे मापदंड देश को आगे बढ़ने विश्वशक्ति बनने और सबका भला होने से रोक रहे हैं। आज सब सवालों में सबसे बड़ा सवाल यही है कि जन नहीं बदलेगा तो तंत्र कैसे बदल सकता है? आज ज़रूरत है कि हम सब इस राष्ट्रीय पर्व पर यह संकल्प लें कि हम बदलेंगे तो जग बदलेगा नहीं तो सब एक दूसरे को कोसते रहेंगे तो कुछ नहीं बदलेगा।

यहां हर कोई रखता है ख़बर गै़रों के गुनाहों की,

अजब फ़ितरत है आज कोई आईना नहीं रखता।

Sunday 24 January 2016

K B C

KBC... Interesting Must read....

You all know KBC is Good Business. But have you ever pondered how  well?????

Any guesses?????

Let's see...

Airtel is charging Rs.6 per SMS sent for this contest. Assuming there are only 100 entries from say 10 cities of some 20 districts and 20 states...

6 (Rs. per SMS) x 100 (entries) x 10 (cities) x 20 (districts) x 20 (states) i.e. = 6 x 100 x 10 x 20 x 20 = Rs.24,00,000.

Rs.24 lakh in just 20 minutes (from people trying for the Rs.2 lakh cash prize). Imagine the scenario if 1000 entries try out from 100 cities?

The figure simply grows by 2 more zeroes and yields a whopping Rs.24 crore!!!!!

And it does not stop there. In practice, it could be another multiple of 100 or a multiple of 1000 on an average. In that case, it is 24 x 100 crore earnings in just 20 minutes on every episode!!!

And the prize money: A mere Rs.2 crore!!!!! (and from whose pocket?????)

Smart Business By Siddharth Basu! And the best part of the above calculation is just the SMS earning!!!!! What about the Ad money?????

A rough annual profit calculation goes like this:

(2400 x 5 x 4) (episode/month) x 12 = Rs.5,76,000 crore.

Let even 50% get dissolved in taxes and other payments; still, you will be left with (which includes

even the meagre Rs.480 crore of prize money, i.e., if every episode bags Rs.2 crore prize) –Rs.2,88,000 crore profit!!!!! (Only from SMS).

Therefore, a Very Simple Question: "KAUN BANEGA CROREPATI" and your options are...

A) SONY TV

B) AIRTEL

C) AMITABH BACHHAN

D) SIDDHARTH BASU

Computerji, iska jawab bataiye....

Answer: All FOUR..!!!!

Thursday 21 January 2016

Ahmad faraaz

अहमद फराज़

सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं
सो उसके शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं

सुना है रब्त है उसको ख़राब हालों से
सो अपने आप को बरबाद कर के देखते हैं

सुना है दर्द की गाहक है चश्म-ए-नाज़ उसकी
सो हम भी उसकी गली से गुज़र के देखते हैं

सुना है उसको भी है शेर-ओ-शायरी से शगफ़
सो हम भी मोजज़े अपने हुनर के देखते हैं

सुना है बोले तो बातों से फूल झड़ते हैं
ये बात है तो चलो बात कर के देखते हैं

सुना है रात उसे चाँद तकता रहता है
सितारे बाम-ए-फ़लक से उतर के देखते हैं

सुना है हश्र हैं उसकी ग़ज़ाल सी आँखें
सुना है उस को हिरन दश्त भर के देखते हैं

सुना है दिन को उसे तितलियाँ सताती हैं
सुना है रात को जुगनू ठहर के देखते हैं

सुना है रात से बढ़ कर हैं काकुलें उसकी
सुना है शाम को साये गुज़र के देखते हैं

सुना है उसकी सियाह चश्मगी क़यामत है
सो उसको सुरमाफ़रोश आह भर के देखते हैं

सुना है उसके लबों से गुलाब जलते हैं
सो हम बहार पर इल्ज़ाम धर के देखते हैं

सुना है आईना तमसाल है जबीं उसकी
जो सादा दिल हैं उसे बन सँवर के देखते हैं

सुना है जब से हमाइल हैं उसकी गर्दन में
मिज़ाज और ही लाल-ओ-गौहर के देखते हैं

सुना है चश्म-ए-तसव्वुर से दश्त-ए-इम्काँ में
पलंग ज़ाविए उसकी कमर के देखते हैं

सुना है उसके बदन के तराश ऐसे हैं
के फूल अपनी क़बायेँ कतर के देखते हैं

वो सर-ओ-कद है मगर बे-गुल-ए-मुराद नहीं
के उस शजर पे शगूफ़े समर के देखते हैं

बस एक निगाह से लुटता है क़ाफ़िला दिल का
सो रहर्वान-ए-तमन्ना भी डर के देखते हैं

सुना है उसके शबिस्तान से मुत्तसिल है बहिश्त
मकीन उधर के भी जलवे इधर के देखते हैं

रुके तो गर्दिशें उसका तवाफ़ करती हैं
चले तो उसको ज़माने ठहर के देखते हैं

किसे नसीब के बे-पैरहन उसे देखे
कभी-कभी दर-ओ-दीवार घर के देखते हैं

कहानियाँ हीं सही सब मुबालग़े ही सही
अगर वो ख़्वाब है ताबीर कर के देखते हैं

अब उसके शहर में ठहरें कि कूच कर जायेँ
फ़राज़ आओ सितारे सफ़र के देखते हैं

अभी कुछ और करिश्मे ग़ज़ल के देखते हैं
फ़राज़ अब ज़रा लहजा बदल के देखते हैं

जुदाइयां तो मुक़द्दर हैं फिर भी जाने सफ़र
कुछ और दूर ज़रा साथ चलके देखते हैं

रह-ए-वफ़ा में हरीफ़-ए-खुराम कोई तो हो
सो अपने आप से आगे निकल के देखते हैं

तू सामने है तो फिर क्यों यकीं नहीं आता
यह बार बार जो आँखों को मल के देखते हैं

ये कौन लोग हैं मौजूद तेरी महफिल में
जो लालचों से तुझे, मुझे जल के देखते हैं

यह कुर्ब क्या है कि यकजाँ हुए न दूर रहे
हज़ार इक ही कालिब में ढल के देखते हैं

न तुझको मात हुई न मुझको मात हुई
सो अबके दोनों ही चालें बदल के देखते हैं

यह कौन है सर-ए-साहिल कि डूबने वाले
समन्दरों की तहों से उछल के देखते हैं

अभी तलक तो न कुंदन हुए न राख हुए
हम अपनी आग में हर रोज़ जल के देखते हैं

बहुत दिनों से नहीं है कुछ उसकी ख़ैर ख़बर
चलो फ़राज़ को ऐ यार चल के देखते है

अहमद फऱाज

Life style

����जीवनोपयोगी प्रश्नोत्तरी ����
1-सुबह उठ कर कैसा पानी पीना चाहिए
उत्तर
हल्का गर्म
2--पानी पीने का क्या तरीका होता है
उत्तर
सिप सिप करके व
नीचे बैठ कर
3 -खाना कितनी बार चबाना चाहिए
उत्तर
32 बार
4-- पेट भर कर खाना कब खाना चाहिए
उत्तर
सुबह
5--सुबह का खाना कब तक खा लेना चाहिए
उत्तर
सूरज निकलने के ढाई घण्टे तक
6--सुबह खाने के साथ क्या पीना चाहिए
उत्तर
जूस
7 -दोपहर को खाने के साथ क्या पीना चाहिए
उत्तर
लस्सी/छाछ
8 -रात को खाने के साथ क्या पीना चाहिए
उत्तर
दूध
9 -खट्टे फल किस समय नही खाने चाहिए
उत्तर
रात को
10 -लस्सी खाने के साथ कब पीनि चाहिए
उत्तर
दोपहर को
11 -खाने के साथ जूस कब लिया जा सकता है।
उत्तर
सुबह
12 -खाने के साथ दूध कब ले सकते है
उत्तर
रात को
13 -आईसक्रीम कब कहानी चाहिए
उत्तर
कभी नही
14- फ्रीज़ से निकाली हुई चीज कितनी देर बाद कहानी चाहिए
उत्तर
1 घण्टे बाद
15-क्या कोल्ड ड्रिंक पीना चाहिए
उत्तर
नही
16 -बना हुआ खाना कितनी देर बाद तक खा लेना चाहिए
उत्तर
40 मिनट
17--रात को कितना खाना खाना चाहिए
उत्तर
न के बराबर
18 -रात का खाना किस समय कर लेना चाहिए
उत्तर
सूरज छिपने से पहले
19 -पानी खाना खाने से कितने समय पहले पी सकते हैं
उत्तर
48 मिनट
20-क्या रात को लस्सी पी सकते हैं
उत्तर
नही
21 -सुबह खाने के बाद क्या करना चाहिए
उत्तर
काम
22 -दोपहर को खाना खाने के बाद क्या करना चाहिए
उत्तर
आराम
23 -रात को खाना खाने के बाद क्या करना चाहिए
उत्तर
500 कदम चलना चाहिए
24 -खाना खाने के बाद हमेशा क्या करना चाहिए
उत्तर
वज्र  आसन
25 -खाना खाने के बाद वज्रासन कितनी देर करना चाहिए
5-10मिनट
26 -सुबह उठ कर आखों मे क्या डालना चाहिए
उत्तर
मुंह की लार
27 -रात को किस समय तक सो जाना चाहिए
उत्तर
9-10बजे तक
28- तीन जहर के नाम बताओ
उत्तर
चीनी मैदा  सफेद नमक
29 -दोपहर को सब्जी मे क्या डाल कर खाना चाहिए
उत्तर
अजवायन
30 -क्या रात को सलाद खानी चाहिए
उत्तर
नहीं
31 -खाना हमेशा कैसे खाना चाहिए
उत्तर
नीचे बैठकर व खूब चबाकर
32 -क्या विदेशी समान खरीदना चाहिए
उत्तर
कभी नही
33 -चाय कब पीनी चाहिए
उत्तर
कभी नहीं
33- दूध मे क्या डाल कर पीना चाहिए
उत्तर
हल्दी
34--दूध में हल्दी डालकर क्यों पीनी चाहिए।
उत्तर
कैंसर ना हो इसलिए
35 -कौन सी चिकित्सा पद्धति ठीक है
उत्तर
आयुर्वेद
36 -सोने के बर्तन का पानी कब पीना चाहिए
उत्तर
अक्टूबर से मार्च (सर्दियों मे)
37--ताम्बे के बर्तन का पानी कब पीना चाहिए
उत्तर
जून से सितम्बर(वर्षा ऋतु)
38 -मिट्टी के घड़े का पानी कब पीना चाहिए
मार्च से जून (गर्मियों में)
39 -सुबह का पानी कितना पीना चाहिए
उत्तर
कम से कम 2-3गिलास
40 -सुबह कब उठना चाहिए
उत्तर
सूरज निकलने से डेढ़ घण्टा पहले।
1- 90 प्रतिशत रोग केवल पेट से होते हैं। पेट में कब्ज नहीं रहना चाहिए। अन्यथा रोगों की कभी कमी नहीं रहेगी।
2- कुल 13 अधारणीय वेग हैं
3-160 रोग केवल मांसाहार से होते है
4- 103 रोग भोजन के बाद जल पीने से होते हैं। भोजन के 1 घंटे बाद ही जल पीना चाहिये।
5- 80 रोग चाय पीने से होते हैं।
6- 48 रोग ऐलुमिनियम के बर्तन या कुकर के खाने से होते हैं।
7- शराब, कोल्डड्रिंक और चाय के सेवन से हृदय रोग होता है।
8- अण्डा खाने से हृदयरोग, पथरी और गुर्दे खराब होते हैं।
9- ठंडेजल (फ्रिज)और आइसक्रीम से बड़ीआंत सिकुड़ जाती है।
10- मैगी, गुटका, शराब, सूअर का माँस, पिज्जा, बर्गर, बीड़ी, सिगरेट, पेप्सी, कोक से बड़ी आंत सड़ती है।
11- भोजन के पश्चात् स्नान करने से पाचनशक्ति मन्द हो जाती है और शरीर कमजोर हो जाता है।
12- बाल रंगने वाले द्रव्यों(हेयरकलर) से आँखों को हानि (अंधापन भी) होती है।
13- दूध(चाय) के साथ नमक(नमकीन
पदार्थ) खाने से चर्म रोग हो जाता है।
14- शैम्पू, कंडीशनर और विभिन्न प्रकार के तेलों से बाल पकने, झड़ने और दोमुहें होने लगते हैं।
15- गर्म जल से स्नान से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति कम हो जाती है और
शरीर कमजोर हो जाता है। गर्म जल सिर पर डालने से आँखें कमजोर हो जाती हैं।
16- टाई बांधने से आँखों और मस्तिश्क हो हानि पहुँचती है।
17- खड़े होकर जल पीने से घुटनों(जोड़ों) में पीड़ा होती है।
18- खड़े होकर मूत्रत्याग करने से रीढ़
की हड्डी को हानि होती है।
19- भोजन पकाने के बाद उसमें नमक डालने से रक्तचाप (ब्लडप्रेशर) बढ़ता है।
20- जोर लगाकर छींकने से कानों को क्षति पहुँचती है।
21- मुँह से साँस लेने पर आयु कम होती है।
22- पुस्तक पर अधिक झुकने से फेफड़े खराब हो जाते हैं और क्षय(टीबी) होने का डर रहता है।
23- चैत्र माह में नीम के पत्ते खाने से रक्त शुद्ध हो जाता है मलेरिया नहीं होता है।
24- तुलसी के सेवन से मलेरिया नहीं होता है।
25- मूली प्रतिदिन खाने से व्यक्ति अनेक रोगों से मुक्त रहता है।
26- अनार आंव, संग्रहणी, पुरानी खांसी व हृदय रोगों के लिए सर्वश्रेश्ठ है।
27- हृदयरोगी के लिए अर्जुनकी छाल, लौकी का रस, तुलसी, पुदीना, मौसमी,
सेंधा नमक, गुड़, चोकरयुक्त आटा, छिलकेयुक्त अनाज औशधियां हैं।
28- भोजन के पश्चात् पान, गुड़ या सौंफ खाने से पाचन अच्छा होता है। अपच नहीं होता है।
29- अपक्व भोजन (जो आग पर न पकाया गया हो) से शरीर स्वस्थ रहता है और आयु दीर्घ होती है।
30- मुलहठी चूसने से कफ बाहर आता है और आवाज मधुर होती है।
31- जल सदैव ताजा(चापाकल, कुएं
आदि का) पीना चाहिये, बोतलबंद (फ्रिज) पानी बासी और अनेक रोगों के कारण होते हैं।
32- नीबू गंदे पानी के रोग (यकृत, टाइफाइड, दस्त, पेट के रोग) तथा हैजा से बचाता है।
33- चोकर खाने से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। इसलिए सदैव गेहूं मोटा ही पिसवाना चाहिए।
34- फल, मीठा और घी या तेल से बने पदार्थ खाकर तुरन्त जल नहीं पीना चाहिए।
35- भोजन पकने के 48 मिनट के
अन्दर खा लेना चाहिए। उसके पश्चात्
उसकी पोशकता कम होने लगती है। 12 घण्टे के बाद पशुओं के खाने लायक भी नहीं रहता है।। 36- मिट्टी के बर्तन में भोजन पकाने से पोशकता 100% कांसे के बर्तन
में 97% पीतल के बर्तन में 93% अल्युमिनियम के बर्तन और प्रेशर कुकर में 7-13% ही बचते हैं।
37- गेहूँ का आटा 15 दिनों पुराना और चना, ज्वार, बाजरा, मक्का का आटा 7 दिनों से अधिक पुराना नहीं प्रयोग करना चाहिए।
38- 14 वर्श से कम उम्र के बच्चों को मैदा (बिस्कुट, बे्रड, समोसा आदि)
कभी भी नहीं खिलाना चाहिए।
39- खाने के लिए सेंधा नमक सर्वश्रेश्ठ होता है उसके बाद काला नमक का स्थान आता है। सफेद नमक जहर के समान होता है।
40- जल जाने पर आलू का रस, हल्दी, शहद, घृतकुमारी में से कुछ भी लगाने पर जलन ठीक हो जाती है और फफोले नहीं पड़ते।
41- सरसों, तिल,मूंगफली या नारियल का तेल ही खाना चाहिए। देशी घी ही खाना चाहिए है। रिफाइंड तेल और
वनस्पति घी (डालडा) जहर होता है।
42- पैर के अंगूठे के नाखूनों को सरसों तेल से भिगोने से आँखों की खुजली लाली और जलन ठीक हो जाती है।
43- खाने का चूना 70 रोगों को ठीक करता है।
44- चोट, सूजन, दर्द, घाव, फोड़ा होने पर उस पर 5-20 मिनट तक चुम्बक रखने से जल्दी ठीक होता है।
हड्डी टूटने पर चुम्बक का प्रयोग करने से आधे से भी कम समय में ठीक होती है।
45- मीठे में मिश्री, गुड़, शहद, देशी(कच्ची) चीनी का प्रयोग करना चाहिए सफेद चीनी जहर होता है।
46- कुत्ता काटने पर हल्दी लगाना चाहिए।
47-बर्तन मिटटी के ही परयोग करन चाहिए।
48- टूथपेस्ट और ब्रश के स्थान पर
दातून और मंजन करना चाहिए दाँत मजबूत रहेंगे।
(आँखों के रोग में दातून नहीं करना)
49- यदि सम्भव हो तो सूर्यास्त के पश्चात् न तो पढ़े और लिखने का काम तो न ही करें तो अच्छा है।
50- निरोग रहने के लिए अच्छी नींद और अच्छा(ताजा) भोजन अत्यन्त
आवश्यक है।
51- देर रात तक जागने से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति कमजोर हो जाती है। भोजन का पाचन भी ठीक से नहीं हो पाता है आँखों के रोग भी होते हैं।
52- प्रातः का भोजन राजकुमार के
समान, दोपहर का राजा और रात्रि का भिखारी के समान।

Wednesday 20 January 2016

Revers love jehad

Reverse # LoveJihad
सुनील दत्त - नर्गिस
ऋतिक रोशन - सुजेन खान
अतुल अग्निहोत्री - अलविरा खान
रोहित राजपाल - लैला खान
किशन चंदर - सलमा सिद्दीकी
नाना चुडास्मा - मुनिरा जसदानवाला
अजय अरोरा - सिमोन खान
आदित्य पंचोली - ज़रीना वहाब
अजीत आगरकर - फातिमा घन्दिल्ली
सुनील शेट्टी - माना कादरी
सचिन पाइलेट - सारा अब्दुल्लाह
अरुण आहूजा (गोविंदा के पिताजी ) - नजीम
शिरीष कुंदर - फरहा खान
सुंदर c - खुशबू
अरुण गवली - आयशा
मनोज वाजपेयी - शबाना रजा
पंकज कपूर - नीलिमा अज़ीम
गुंडू दिनेश राव - तबस्सुम
अनिल धारकर - इम्तिआज़ गुल
शशि रेखी - वहीदा रहमान
राज बब्बर - नादिरा ज़हीर
कर्नल सोढ़ी - नफीसा अली
मयूर वाधवानी - मुमताज़
रंधावा - मलिका खान
विष्णु भागवत - निलोफर
किशोर कुमार - मधुबाला (मुमताज़ बेगम)
v s नाइपाल - नादिया
कबीर सुमन - सबीना यास्मिन
राजीव राय - सोनम (बख्तावर)
बी आर इशारा - रेहाना सुल्तान
समीर नेरुकर - तसनीम शैख़
अनुराग मोदी - शमीम
कमलेश्वर नाथ सहगल - जोहरा खान
विक्रम मेहता - तसनीम
सौमिल पटेल - अनीता अय्यूब
भारत चन्द्र नारा - जहा आरा
चौधरी टीनू आनंद - शहनाज
एम एस सथ्यु - शमा जैदी
रवि शंकर - रोशन आरा
प्रदीप चेरियन - फौजिया फातिमा
पंकज उधास - फरीदा
के एन सहाय - जाहिदा हुसैन
ब्रिज सदाना - सईदा खानम
निर्मल पांडे - कौसर मुनीर
विजय गोविल - तबस्सुम
अमित मोइत्रा - नाहिद करीमभॉय
रूप के शोरी - खुर्शीद जहाँ
हंसलाल मेहता - सफीना हुसैन
कुमुद मिश्रा - आयशा रजा
रणजीत बेदी - नाजनीन
मनोज प्रभाकर - फरहीन
रोहित रामकृष्णनन - शबनम मिलवाला
गनपत लाल भट्टी - शमशाद बेगम
आर के पूरी - शहनाज़ हुसैन
टी के सप्रू - ताजोर सुल्ताना
रमेश भगवे - जैनब
महेश कौल - चाँद उस्मानी
किशोर शर्मा - मलिका बानो
चमन लाल गुप्ता - असगरी बाई
राजा बहाद्दुर शिवेंद्र सिंह - यमन खान
हेमंत भोंसले - साजिदा
विवेक नारायण - सोनिया जहाँ
सारनाथ बेनर्जी - बेनी आबिदी
अशोक काक - जबीं जलील
सुमेध राजेंद्रन - मासूमाँ सय्यद
धीरज सिंह - सहर जहाँ
गौरव करण - फातिमा मेहंदी
मनीष तिवारी - नाजनीन
शिफा शिरीष गोडबोले - ज़रीना मोइदु
इन्द्रजीत गुप्ता -सुरैया
सीताराम येचुरी - सीमा चिश्ती
नरसिंह ज्ञान बहाद्दुर - जुबैदा बेगम
सुमित सहगल - शाहीन
अर्जुन प्रसाद -परनिया कुरैशी
बालगन्धर्व - गोहर जान कर्नाटकी
रणजीत मल्होत्रा - रुबीना बक्षी
गजेन्द्र चौहान - हबीबा रहमान
राजीव राव - सोनिया फतह
संजय भौमिक -सबा नकवी
पी जी सतीश - शकीला
मलिन गज्जर -उमैमा बंदूकवाला
सचिन उपाध्याय - नाजिया युसूफ
राजिव सिंह - सनोबर कबीर
रितेश पंड्या - रोही मिर्ज़ा
विन्दु - फरहा नाज़
अनिल विश्वास - मेहरुन्निसा

Ab koi batayega ye kaun sa jehad
hai....


Tuesday 19 January 2016

JOKE

लड़की वाले लड़के वाले....
एक फंक्शन चल रहा था ।
.
आयोजक ने देखा कि इन्विटेशन से ज़्यादा
लोग आये हैं ।
.
वो स्टेज पे गया और बोला:-
.
"जो जो लड़की वालों की तरफ से वो
इधर एक साइड में आ जायें"
20-30 आ गए एक तरफ .....
.
फिर उसने बोला :- जो लड़के वालों की
तरफ से है वो भी उधर आ जायें..."
30-35 लोग फिर आ गए.....
.
.
अब उसने एक डंडा ले के उन
सबको (लड़की वाले एवम् लड़के वाले को )
पीटना शुरू कर दिया ।

वो चिल्लाए :- "मार क्यों रहे हो ?"

आयोजक बोला :- "कमीनों ये गुप्ताजी की
रिटायरमेंट पार्टी है...!!"

Bank clearing.....
Bank customer service best reply:
Customer - Agar mai aaj cheque jama karu to
wo kab clear hoga?
Clerk - 3 din me.
Customer - Mera cheque toh samne wali bank
ka hai....Dono bank amne-samne hai fir b itna
samay Q ?
Clerk - Sir PROCEDURE to FOLLOW karna padta
hai na.
customer  ke jyada bahas/tark krne par clerk ne samjhaya
Socho aap kahi jaa rahe ho...aur baaju me hi
Shamshaan hai...
Agar aap Shamshan ke bahar hi mar gaye, to
aapko pahle ghar lekar jayenge ya wahin nipta
denge ?
Customer behosh.....