सुनंदा थरूर की जान ट्विटर ने
तो नहीं ली ?
-इक़बाल हिंदुस्तानी
0सोशल नेटवर्किंग दुधारी तलवार है, सोच समझकर चलाना होगा!
जिस तरह से चाकू बदमाश के हाथ में हो तो वह
किसी की जान ले लेता है और वही चाकू डाक्टर हाथ में आ जाये तो किसी मरीज़ की जान
बचा लेता है वैसे ही इंटरनेट के भी फायदों के साथ दुरुपयोग के नुक़सान मौजूद हैं
लेकिन केवल इस एक वजह से अभिव्यक्ति की आज़ादी के इस सशक्त मीडिया को कंेद्रीय
मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत का ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
दरअसल सोशल नेटवर्किंग तो दुधारी तलवार है, इसको बहुत सोच समझकर चलाना होगा वर्ना जितना आप सामने वाले पर वार कर
दूसरे को घायल कर सकते हैं उससे ज़्यादा आप भावुक हैं तो खुद भी चोट खा सकते हैं।
पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार और शशि थरूर के बीच क्या चल रहा था इस बारे में इन
दोनों के अलावा कोई तीसरा जानता होगा तो वह थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर ही हो
सकती थी लेकिन सवाल यह है कि माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर की इसमें क्या भूमिका
मानी जा सकती है?
हालांकि पति पत्नी और ‘वह’ की यह कहानी काफी लंबे समय से चल रही थी लेकिन सुनंदा का इस उलझन को
ट्विटर पर सार्वजनिक करना शायद उनकी मौत के कारणों में से एक बड़ा कारण बन गया? थरूर के 20 लाख से ज़्यादा फालोअर हैं।
साथ ही सुनंदा और तरार की भी अच्छी खासी फालोअर तादाद होने से यह मसला ट्विटर पर
चर्चा का बड़ा दिलचस्प विषय बन गया और लोग इन तीनों हस्तियांे की प्राइवेट लाइफ़ में
तांकझांक कर सवाल उठाने लगे । यह समस्या भावनाओं की ज्यादा है, तर्कसंगत कम। यह मामला सोशल नेटवर्किंग साइट पर आने से इतना तूल पकड़ा
कि इसको सुलझाने को तो शायद ही कोई आगे आया हो लेकिन ट्विटर पर यह किस्सा ट्रेंड
बन जाने से लोग इसे चटखारे ले लेकर चर्चा और टिप्पणियां ज़रूर थोक में करने लगे।
हालांकि हाईप्रोफाइल लोगों का इंटरनेट पर यह
पहला मामला नहीं है बल्कि अकसर लोग पर्सनल मामलों में गुस्से और नाराज़गी में सवाल
जवाब लिखते समय सोशल साइट्स पर यह भूल जाते हैं कि यह केवल उन दो लोगों के बीच का
नहीं पूरी दुनिया की जानकारी में आ जाने वाला मामला बन रहा है लेकिन जब तक उनका
दिमाग ठंडा होता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है और इसके बाद अपमान और तनाव
सुनंदा की तरह सब के वश का झेलना होता नहीं। हालांकि थरूर का दावा यह रहा कि उनके
ट्विटर एकाउंट को किसी ने हैक करके मेहर तरार को अंतरंग संदेश भेजे थे लेकिन बाद
में सुनंदा ने यह राज़ फ़ाश कर दिया कि वे मैसेज उन्होंने थरूर के ट्विटर एकाउंट से
तरार के प्यार भरे पैगाम के जवाब में बात आगे बढ़ाकर यह देखने को भेजे थे कि तरार
किस हद तक जा सकती है?
सुनंदा ने तरार पर आरोप लगाया कि वह उनके पति
पर डोरे डाल रही थी और वह आईएसआई एजेंट है। सुनंदा को यह बात खंजर की तरह इसलिये
भी चुभी क्योंकि वह कुछ महीनों से बीमार थीं जिससे उनको लगा कि उनकी गैर मौजूदगी
में उनके पति उनके विशवास को तोड़ा? ज़ाहिर है इसके बाद थरूर ने तरार से दूरी बनाई होगी और अपनी पत्नी को
भी इस मामले को सार्वजनिक करने के लिये बुरा भला कहा होगा। सुनंदा को यह भी लगा
होगा कि एक तो तरार थरूर का दिल जीतने की कोशिश कर रही है और दूसरे थरूर को उनसे
दूर करने में कामयाब होती लग रही है क्योंकि तरार की वजह से थरूर और उनकी पत्नी के
मध्ुार सम्बंध बिगड़ने लगे।
हालांकि दुनिया से छिपाने के लिये थरूर
दंपत्ति ने इस बात को झुठलाने को फेसबुक पर साझा पोस्ट लगाई जिसमें दोनों ने अपने
रिश्तों को नॉर्मल बताया लेकिन सुनंदा की मौत का एक पहलू यह भी है कि तरार ने खुद
को पाक साफ और थरूर की सिर्फ महिला मित्र होने का दावा करते हुए ट्विटर पर ही
सुनंदा के गंभीर आरोपों पर जमकर खरी खोटी सुनाईं जिससे सुनंदा एक भावुक और
संवेदनशील महिला होने की वजह से अंदर तक हिल गयी और ट्विटर ही नहीं जिं़दगी की जंग
में खुद को अकेला, हारता हुआ और कमज़ोर पड़ते देख
सुनंदा ने आत्मघात का क़दम उठा लिया? हालांकि थरूर और तरार काफी तेज़ तर्रार माने जाते हैं जिससे ये दोनों
अपने रिश्तों को लोगों की नज़र से छिपाकर ट्विटर के डाइरेक्ट मैसेज सर्विस का भी
इस्तेमाल कर सकते थे जिससे किसी तीसरे को इनका पता ही नहीं चलता क्योंकि तरार का
भारत आना और थरूर का पाक जाना लगभग ना बराबर था।
किसी तीसरे देश में मिलने का भी इन दोनोें का
कोई रिकॉर्ड अभी सामने नहीं आया है। दरअसल सुनंदा के इन दोनों के मामले का
सार्वजनिक करने के साथ ही सारा विवाद तूल पकड़ा और खुद सुनंदा ही इस में गुस्से और
दुख से आहत होकर अपनी जान खो बैठी। इससे पहले का इतिहास देखें तो 2011 में फिल्म अभिनेता अरबाज़ खान और फिल्म डायरेक्टर
अनुराग कश्यप के बीच ट्विटर पर लंबी जंग चली थी जिसमें उन्होंने मीडिया को आड़े
हाथों लेते हुए यहां तक लिख दिया था कि उसके रहते महाभारत शुरू करने को किसी शकुनि
की ज़रूरत नहीं है। कश्यप ने जब अरबाज़ खान पर दबंग-2 से हटने पर कटाक्ष किया तो अरबाज़ कहां चूकने वाले थे उन्होंने लिखा
कि जिन्हें सम्मान दिखाना चाहिये वे अकड़ दिखा रहे हैं।
हालांकि बाद में अनुराग ने नशे में कुछ
मीडिया रिपोर्ट का हवाला देकर अपने भड़कने का कारण बताते हुए सारे मामले पर खेद
जताकर पानी डाल दिया था लेकिन भारत ही नहीं अमेरिका में रॉक गायिका कोर्टनी लव और
एक फैशन डिज़ाइनर के बीच ऐसे ही इंटरनेट पर जब आरोप प्रति आरोप लगे तो डिज़ाइनर ने
कोर्टनी को मानहानि के केस में कोर्ट में खींच लिया जिससे छुटकारा पाने को लव को
समझौते में साढ़े चार लाख डॉलर का फटका लगा था। हैरत की बात यह है कि ऐसा इसके बाद
हुआ है जब खुद शशि थरूर ट्विटर पर 2009 में कैटिल क्लास और वीज़ा नियमों की बात कर अपनी ही
सरकार पर उंगली उठाकर फंस चुके थे और 2010 में इंडियन प्रीमियर लीग में कोच्चि टीम को लेकर
उठे विवाद में थरूर का पद छिन गया था। इंटरनेट एक आईना है वह टूटेगा तो किरचें
ज़ख़्मी करेंगी ही, सोशल नेटवर्किंग का इस्तेमाल
करने वालों को यह बात हमेशा याद रखनी होगी वर्ना सुनंदा की दुखद मौत ना पहली है ना
आखि़री।
0 नज़र बचाकर निकल सकते हो तो निकल जाओ,
मैं इक आईना हूं मेरी अपनी ज़िम्मेदारी है।।
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