धर्म और जाति की राजनीति वोटर भी पसंद करते हैं क्या.....
2014 के चुनाव को लेकर मैं मन ही मन सोच रहा था कि चलो इस बार भगवा पार्टी को भी अक्ल आई और वह भी हिंदुत्व की बात ना कर विकास का नारा देकर सत्ता में आना चाहती है लेकिन विकास और विनाश का दावा करते करते आखिर इमरान मसूद वसुंधरा राजे इमाम बुखारी व अमित शाह ने राजनीति को वहीं पहुंचा दिया जहां से वह धर्म के नाम पर चली थी. अब मुझे शक हो रहा है िक शायद वोटर भी यह पसंद करता है..
2014 के चुनाव को लेकर मैं मन ही मन सोच रहा था कि चलो इस बार भगवा पार्टी को भी अक्ल आई और वह भी हिंदुत्व की बात ना कर विकास का नारा देकर सत्ता में आना चाहती है लेकिन विकास और विनाश का दावा करते करते आखिर इमरान मसूद वसुंधरा राजे इमाम बुखारी व अमित शाह ने राजनीति को वहीं पहुंचा दिया जहां से वह धर्म के नाम पर चली थी. अब मुझे शक हो रहा है िक शायद वोटर भी यह पसंद करता है..
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