Saturday, 16 May 2015

Basheer badr

भीगी हुई आँखों का ये मंज़र न मिलेगा,
घर छोड़ के मत जाओ कहीं घर न मिलेगा,
फिर याद बहुत आयेगी ज़ुल्फ़ों की घनी शाम ,
जब धूप में साया कोई सर पर न मिलेगा,
आँसू को कभी ओस का क़तरा न समझना,
ऐसा तुम्हें चाहत का समुंदर न मिलेगा,
इस ख़्वाब के माहौल में बे-ख़्वाब हैं आँखें,
बाज़ार में ऐसा कोई ज़ेवर न मिलेगा,
ये सोच लो अब आख़िरी साया है मुहब्बत,
इस दर से उठोगे तो कोई दर न मिलेगा.
-बशीर बद्र
2-
नाम उसी का नाम सवेरे शाम लिखा
शे’र लिखा या ख़त उसको गुमनाम लिखा

उस दिन पहला फूल लिखा जब पतझड़ ने
पत्ती-पत्ती जोड़ के तेरा नाम लिखा

उस बच्चे की कापी अक्सर पढ़ता हूँ
सूरज के माथे पर जिसने शाम लिखा

कैसे दोनों वक़्त गले मिलते हैं रोज़
ये मंज़र मैंने दुश्मन के नाम लिखा

सात ज़मीनें, एक सितारा नया नया
सदियों बाद ग़ज़ल ने कोई नाम लिखा

’मीर’, ’कबीर’, ’बशीर’ इसी मक़तब के हैं
आ दिल के मक़तब में अपना नाम लिखा।

3- [1:01PM, 6/6/2015] iqbalhindustani: ��������������
उसे पाक नजरो से चूमना भी इबादतों में शुमार है
कोई फुल लाख करीब हो कभी मैंने उसको छुआ नहीं

ये खुदा कि देन अजीब है कि इसी का नाम नसीब है
जिसे तुने चाहा वो मिल गया, जिसे मैंने चाहा मिला नहीं

इसी शहर में कई साल से मेरे कुछ करीबी अजीज है
उन्हें मेरी कोई खबर नहीं मुझे उनका कोई पता नहीं
                                                - बशीर बद्र
[12:12PM, 6/16/2015] iqbalhindustani: इतना मत चाहो उसे वो बेवफा हो जायेगा ............
सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जायेगा!
इतना मत चाहो उसे वो बेवफा हो जायेगा !!
हम भी दरिया हैं अपना हुनर मालूम है !
जिस तरफ भी चले जायेंगे रास्ता हो जायेगा !!
इतनी सचाई से मुझसे जिंदगी ने कह दिया !
तू नहीं मेरा तो कोई दूसरा हो जायेगा !!
मै खुदा का नाम लेकर पी रहा हूँ दोस्तों !
जहर भी अगर इसमें होगा दवा हो जायेगा !!
सब उसी के हैं हवा खुशबू ज़मीनों आसमान !
मै जहाँ भी जाऊंगा उसे पता हो जायेगा !!
dr.bashir badar
[5:06PM, 7/2/2015] iqbalhindustani: सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा
इतना मत चाहो उसे, वो बेवफ़ा हो जाएगा

हम भी दरिया हैं, हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ भी चल पड़ेंगे, रास्ता हो जाएगा

कितनी सच्चाई से मुझसे, ज़िन्दगी ने कह दिया
तू नहीं मेरा तो कोई दूसरा हो जाएगा

मैं खुदा का नाम लेकर, पी रहा हूं दोस्तों
ज़हर भी इसमें अगर होगा, दवा हो जाएगा

सब उसी के हैं, हवा, ख़ुशबू, ज़मीन-ओ-आसमां
मैं जहां भी जाऊंगा, उसको पता हो जाएगा

बशीर बद्र

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