Thursday 17 October 2024

शेयर बाजार

शेयर बाज़ार: 93 प्रतिशत लोगों के नुकसान का कौन ज़िम्मेदार?
0 हाल ही में सेबी ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया है कि स्टाॅक मार्केट में फयूचर एंड आॅपशन ट्रेडिंग में 2022 से 2024 के दौरान जिन स्माॅल ट्रेडर्स ने काम किया है। उनमें से 93 प्रतिशत को घाटा हुआ है। 91 प्रतिशत अभी भी नुकसान में चल रहे हैं। आंकड़ें बताते हैं कि नुकसान उठाने वालों की तादाद 73 लाख है। रिपोर्ट यह भी बताती है कि 2024 में ऐसे व्यक्तिगत ट्रेडर्स में प्रत्येक को 1,30,000 की हानि हुयी है। आमतौर पर 75 प्रतिशत लोग इस कारोबार में किसी न किसी तरह से घाटे में रहकर भी काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों की सालाना आमदनी 5 लाख या उससे कम है। आपको याद दिला दें कि जून 2020 में नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज ने डेरिवेटिव में काम करने का शेयरहोल्डर्स को पहली बार विकल्प दिया था।      
   *-इक़बाल हिंदुस्तानी*
शेयर मार्केट यानी स्टाॅक एक्सचेंज में कई तरह से कारोबार करने का विकल्प होता है। मिसाल के तौर पर कुछ लोग किसी कंपनी का शेयर एक बार खरीदकर लंबे समय के लिये खामोश हो जाते हैं। जब उस कंपनी का शेयर बढ़े हुए दाम पर आता है तो वे उसको बेचकर मुनाफा कमा लेते हैं। शेयर खरीदने के भी कई विकल्प होते हैं। जैसे कंपनी जब अपना इश्यू लाती है तो कुछ लोग तब उसके लिये आवेदन करते हैं। अगर कंपनी का इश्यू ओवर सब्सक्राइब यानी जितने शेयर बिकने के लिये निकाले गये हैं उससे कई गुना अधिक लेने वाले एप्लाई कर देते हैं तो जब यह इश्यू खुलता है उसी दिन इस शेयर के दाम कई गुना बढ़कर खुलते हैं। ऐसे में कुछ लोग अधिक लाभ के चक्कर में ना आकर उसी दिन अपना कोटा बेचकर लाभ कमा लेते हैं। इसके अलावा कुछ लोग शेयर बाज़ार में एक दिन में ही कुछ शेयर खरीदकर उनका पूरा भुगतान करने की बजाये उसी दिन किसी टाइम या शाम होते होते जब तक शेयर मार्केट बंद होता है उसको बेच देते हैं। ऐेसे में नुकसान फायदा कुछ भी हो सकता है। लेकिन इसके लिये बहुत बड़ी पूंजी की ज़रूरत नहीं होती है। सेबी ने जो रिपोर्ट जारी की है वह स्टाॅक एक्सचेंज के फयूचर एंड आॅप्शन के बारे मंे है। यह रिपोर्ट उन लोगों की आंखें खोल देने वाली है जिनको आयेदिन सोशल मीडिया पर यह कहकर भ्रमित किया जाता है कि शेयर मार्केट में कोई भी पैसा लगाकर रातो रात लखपति या करोड़पति बन सकता है? दरअसल फयूचर एंड आॅप्शन का यह कारोबार शेयर मार्केट में पैसा कमाने जल्दी पैसा कमाने और बहुत अधिक पैसा कमाने का सपना दिखाता है। इसके लिये आपको शेयर मार्केट मंे जाने की भी ज़रूरत नहीं है। इसके लिये अपने मोबाइल या लैपटाॅप में आप एक एप डाउनलोड करके भी स्टाॅक मार्केट में घर बैठे काम शुरू कर सकते हैं। अलबत्ता आपको बैंक खाते की तरह शेयर बाज़ार में काम करने के लिये अपना डीमैट एकाउंट ज़रूर खोलना होगा। फयूचर एंड आॅप्शन में आप एक कंपनी का शेयर मान लो जो आज 200 रूपये का चल रहा है। तो उसको भविष्य के लिये 300 के रेट पर बुक कर सकते हैं। आपको लगता है कि वह शेयर अमुक टाइम तक 500 रूपये तक का हो जायेगा। 
   इस तरह आपको उसकी कीमत का अंतर 100 रूपये प्रति शेयर एक तरह से आज ही उस व्यक्ति या कंपनी को देना होगा जिसके पास यह आज मौजूद है। कल अगर इसका रेट आपके अनुमान के हिसाब से बढ़ जाता है तो आपको 200 रूपये प्रति शेयर का लाभ होगा नहीं तो घटने पर उसकी दर से हानि हो सकती है। इसी तरह आप इसका उल्टा यानी आज जो शेयर 100 रूपये का बिक रहा है उसको किसी खास समय के लिये 80 रूपये के दाम पर बुक कर सकते हैं। अगर उसका रेट आपके अनुमान के हिसाब से वास्तव में इतना ही नीचे चला गया तो आपको उसके आज के और आने वाले आपके तय किये कम दाम के बीच का अंतर का पैसा मिल जायेगा। लेकिन रेट आपके हिसाब से नीचे न आने पर आपको उसी अंतर का घाटा भी हो सकता है। कुछ नादान लोग बिना किसी जानकारी के ऐसे लेनदेन की बड़ी डील लालच मंे कर लेते हैं। लेकिन जब उनका अनुमान गलत निकलता है तो उनको एक बार में ही लाखों या करोड़ तक का नुकसान होता है जो उनको जीवनभर फिर संभलने नहीं देता है। यहां आपके दिमाग यह सवाल आ सकता है कि लोग इतना भारी जोखिम क्यों लेते हैं? आप यह भी सोच रहे होंगे कि 91 से 93 प्रतिशत लोग लगातार भारी नुकसान उठाकर भी शेयर मार्केट में क्यों बने हुए हैं? यह अजीब बात किसी की समझ मंे नहीं आयेगी कि केवल 1 से 7 प्रतिशत लोगों को जिस मार्केट में लाभ हो रहा है वहां बाकी के लाखों लोग किस आशा और भरोसे की वजह से अपनी खून पसीने की जमा पूंजी लुटा रहे हैं और फिर भी उसी शेयर मार्केट में बने हुए हैं? दरअसल इसके पीछे एक तो पढ़े लिखे लोगों की सट्टेबाज़ी मानी जा सकती है। दूसरी बात इतना अधिक नुकसान उठाकर भी यह सपना लोग छोड़ने को किसी कीमत पर तैयार नहीं हैं कि एक ना एक दिन उनकी किस्मत खुल जायेगी और वे चाहे जितना भी तबाह और बरबाद हो जायें लेकिन शेयर मार्केट ही एकमात्र शाॅर्टकट है जिससे वे अमीर बन सकते हैं। कम लोगों को पता है कि शेयर मार्केट में घपले घोटाले भी कम नहीं हैं। 
हिंडन बर्ग ने जिस गड़बड़ी का अडानी की कंपनियों पर आरोप लगाया था। वह इसी तरह के कारनामों की बानगी थी। होता यह है कि कंपनियां इनसाइड ट्रेडिंग कराकर अपनी कंपनी के शेयर के दाम फर्जी तरीके से बढ़ा लेती हैं। कुछ लोगों को कंपनी के उतार चढ़ाव सरकार के बड़े फैसलों और दुनिया में हो रही बड़ी घटनाओं से शेयर मार्केट मंे आने वाले बड़े तूफानों का पहले ही अपने सूत्रों से पता चल जाता है। जिससे वे कुछ खास कंपनी कुछ खास शेयर या डेरिवेटिव में बड़ा दांव चल कर अकूत दौलत एक झटके मेें कमा लेते हैं। कुछ बड़ी कंपनी बड़े लोग और विदेशी निवेशक जानबूझकर किसी बेकार छोटी और डिफाल्टर कंपनी के बिल्कुल नीचे दाम पर पड़े शेयर किसी दिन अचानक बड़े दाम पर खरीदना शुरू कर देते हैं। होता यह है कि बिना वजह जाने जब छोटे निवेशक इस कंपनी का शेयर मामूली दाम से अचानक छलांग लगाता देखते हैं तो वे भी उसके पीछे भागने लगते हैं। यही से धोखे का असली खेल शुरू होता है। बड़े मगरमच्छ मिसाल के तौर पर 10 से 15 रूपये की कीमत का शेयर जब 20 से 40 रूपये तक मंे खरीदते हैं तो बाकी लोग उनकी चाल ना समझकर उनके झांसे में आकर खुद भी बढ़ते दामों पर यह शेयर खरीदना शुरू कर देते हैं। अंत में बड़े निवेशक छोटे निवेशकों को उसी दिन अपनी खरीद बीच में ही रोककर अपना सस्ते में खरीदा सब माल बढ़े हुए दाम पर बेचकर निकल जाते हैं। इसके बाद यह शेयर गिरकर फिर से वहीं आ जाता है जहां से यह बढ़ना शुरू हुआ था।
0 सौ में से 99 लोग जब नाशाद हैं,
  कैसे कह दूं देश अब आज़ाद है।।
 नोट- लेखक नवभारत टाइम्स डाॅटकाम के ब्लाॅगर और पब्लिक आॅब्ज़र्वर अख़बार के चीफ एडिटर हैं।

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