घटने लगी मुस्लिम आबादी की बढ़त- भारत सरकार
संघ परिवार को अब ये प्रोपेगंडा वापस लेना होगा कि मुस्लिमों की आबादी 2001 की तरह 29.5% बढ़ती रहेगी तो वे देश में 220 साल में हिंदुओं के बराबर हो जाएंगे।
हिंदुओं की आबादी तब 19.9% की दर से बढ़ रही थी यानि दोनों में 2.62 -1.83= 0.79 का भारी अंतर था।
हिन्दू 1991 में 69,01,00000 से 2001 में बढ़कर 82,76,00000 हुए तो मुस्लिम इस दौरान 10,67,00000 से बढ़कर 13,82,00000 हुए थे।
दिलचस्प बात ये है कि इस एक दशक में ईसाई 2.36% बढ़कर 1,90,00000 से 2,24,00000 हो गए थे जिस से हिन्दूवादियों ने लगे हाथ उनका हिसाब जोड़कर ये भी दावा कर दिया था कि वे इस स्पीड से 670 साल में आबादी में हिंदुओं को पीछे छोड़ देंगे।
अब केंद्र में हिंदूवादी सरकार होने से संघ परिवार ये आरोप भी नहीं लगा सकता कि जनगणना के ये आंकड़े ग़लत हैं।
हमारा कहना है जैसे जैसे विकास शिक्षा और सम्पन्नता बढ़ेगी मुस्लिम आबादी की बढ़त हिंदुओं के बराबर आती जायेगी जैसे आज वो दलित जनसंख्या की बढ़त से भी नीचे आ चुकी है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे...
1993-1998 के दौरान
हिन्दू प्रजनन 3.20% से घटकर 2.78% हुआ
तो मुस्लिम प्रजनन 4.41 से घटकर 3.59 हो गया।
यानी हिंदुओं में जनसंख्या गिरावट दर 0.52 थी तो मुस्लिमों में 0.82% थी।
एक से अधिक शादी को लेकर भी मुस्लिमों पर ऊँगली उठाई जाती है लेकिन सरकारी आंकड़े बोल रहे हैं कि हिन्दू 5.80% तो मुस्लिम 5.73 दूसरी शादी करते हैं।
(सूत्र-जनवाणी दैनिक 23 जनवरी 2015 पेज 6 लेखक सुभाष गाताडे)
Thursday, 22 January 2015
मुस्लिम आबादी
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